Tuesday, August 15, 2017

वतन के शहीदों को उनकी ज़िंदादिली के लिए सलाम





सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा
हम बुलबुले है इसकी ये गुलसिता हमारा ॥
ग़ुरबत मे हो अगर हम रहता है दिल वतन मे
समझो वही हमे भी दिल है जहाँ हमारा ॥
परबत वो सब से ऊंचा हमसाय आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबा हमारा 
गोदी मे खेलती है जिसकी हजारो नदिया
गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जना हमारा ॥
ए अब रौद गंगा वो दिन है याद तुझको
उतरा तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा ॥
मज़हब नही सिखाता आपस मे बैर रखना
हिन्दी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा ॥
युनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गये जहाँ से
अब तक मगर है बांकी नामो-निशान हमारा ॥
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नही हमारी
सदियो रहा है दुश्मन दौर-ए-जमान हमारा ॥
इक़्बाल कोई मेहरम अपना नही जहाँ मे
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहा हमारा ॥

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