Saturday, February 21, 2009

आदत



"पुनीत सहलोत की कविता"


कोशिश थी हवाओं की

हमें पत्तों की तरह उडाने की,

साजिश थी ज़माने की

हमें हर वक्त आजमाने की,

साथ किसी का मिल न सका कभी,

पर आदत हमारी थी हर बार जीत जाने की.

यकीन था ख़ुद पर,

कुछ कर गुजरने की ठानी थी,

दीवानगी जो थी मंजिल को पाने की,

उसे जूनून अपना बनाने की

आदत हमारी थी.

राह जो चुनी थी हमने अपनी,

हर मोड़ पर मिली मुश्किलों की सौगात थी,

हर छोर पर गुलशन खिला दिए हमने,

कांटो से भी यारी की,

आदत हमारी थी.

ढल चुका था सूरज,

अब चाँद से मुलाक़ात की बारी थी,

ख्वाब जो देखे थे इन बंद आंखों ने,

हकीक़त उन्हें बनाने की,

आदत हमारी थी.

Monday, February 16, 2009

गज़ल


हरकीरत जी के बाद पेश है मनु 'बेतखल्लुस' साहब की एक गज़ल.



जिसने थामा अम्बर को वो तुझे सहारा भी देगा,
जिसने नज़र अता की है, वो कोई नज़ारा भी देगा

छोड़ न यूँ उम्मीद का दामन, ऐसे भी मायूस न हो,
अभी छुपा है बेशक, पर वो कभी इशारा भी देगा

छोड़ अभी साहिल के सपने, मौजों से टकराता चल
यहीं हौसला नैया का, इक रोज किनारा भी देगा

दूर उफ़क से नज़र हटा मत, रात भले ये गहरी है
अंधियारों के बाद, वो तुझको सुबह का तारा भी देगा

देखे फ़कत सराब, मगर यूँ मूँद न तरसी आँखों को
प्यास का ये जज़्बा सहरा में, जल की धारा भी देगा

लाख मिटाए वक्त, तू अपनी कोशिश को जिंदा रखना,
हार का ये अपमान ही इक दिन, जीत का नारा भी देगा

साकी की नज़रें ही पीने वालों की तकदीरें हैं
करता है जो जाम फ़ना, वो जाम सहारा भी देगा

I am very much thankful to Manu 'Betakhallus' sahab for a motivational Gazal. You can get connected him on Facebook


Sunday, February 8, 2009

वक़्त की नफासत




बरसों पहले
जीवन मर्यादाएं
धूसर धुन्धल चित्र लिए
हस्तरेखाओं की तंग घाटियों में
हिचकोले खाती रहीं.....

ऊबड़-खाबड़
बीहड़ों में भटकती
गहरी निस्सारता लेकर
कैद में छटपटाती
आंखों में कातरता
भय और बेबसी की
अवांछित भीड़ लिए
इक तारीकी पूरे वजूद में
उतरती रही ......

वक्त नफ़ासत पूर्ण तरीके से
सीढ़ियों पर बैठा
तस्वीर बनाता रहा ...

तारों को
छू पाने की कोशिश में
न जाने कितने लंबे समय
और संघर्षों से
गुजर जाना पड़ा .....

आज मैंने
अंधियारों को चीरकर
चाँद से बातें करना
सीख लिया है
रातों को आती है चाँदनी
दूर पुरनूर वादियों की
गहरी तलहटी से
दिखलाती है मुझे
शिलाओं का नृत्य करना
उच्छवासों से पर्वतों का थिरकना
समुंदरी लहरों के बीच
सीपी में बैठी एक बूंद का
मोती बन जाना
उड़ते हुए पन्ने में
किसी नज़्म का
चुपचाप आकर
मेरी गोद में
गिर जाना

आज जब
दूर दरख्तों से
छनकर आती धूप
थपथपाती है पीठ मेरी
धैर्य सहलाता है घाव
हवाएं शंखनाद करतीं हैं
तब मैं ....
वे तमाम तपते हर्फ़
तुम्हारी हथेली पे रख
पूछती हूँ
उन सारे सवालों के
जवाब ...........!!

Monday, February 2, 2009

ऐसे तय किया कामयाबी का सफर

इस बार हमारे पास है बदायूं की एक लड़की की कहानी जिसने एक छोटे से शहर से निकलकर बॉलीवुड तक का सफर तय किया.
किसी भी जगह पहुचना आसान नही होता. बुलंदियों तक पहुँचने का सफर बहुत मुश्किल होता है. लेकिन महनत समर्पण और लगन है तो मंजिल तक पहुंचना मुश्किल भी नहीं है. सच्चाई तो यह है के कोई किसी को आगे नही बढाता हर किसी को अपना रास्ता ख़ुद ही खोजना पड़ता है.बदायूं की कोजी गुप्ता ने भी कुछ ऐसा ही किया और अब वो किसी परिचय की मोहताज नही हैं. उन्होंने बदायूं के नाम को सारी दुनिया में पहुँचाया. उनकी पाँच ऑडियो कैसेट, चार सीडी. और एक वीसीडी रिलीज़ हो चुकी है.. यह सफरनामा उन्होंने कैसे तय किया. उनको उनके परिवार से भी सहयोग मिला. उन्होंने दिल्ली में रहकर शिक्षा ली. वह बचपन से ही लगनशील रहीं. उन्होंने एक छोटे से शहर से निकल सारी दुनिया में अपने शहर का नाम रोशन कर दिया. उन्होंने यह सब कैसे किया इस के पीछे की कहानी काफी दुरूह है. सिर्फ़ हिंदुस्तान की नही है बलके दुनिया के मुस्लिम देशों से लेकर यूरोपियन देशों के लोग भी कोजी के फेन हैं. इतनी कामयाबी हासिल करने के बाद भी कोजी गुप्ता जब अपने घर से निकलती हैं तो कोई नहीं जानता के यह वही कोजी गुप्ता है जिन्होंने खुआजा पिया की शान में गाना गया है. उनके बारे में कुछ और जानने से पहले मिलते हैं उनकी कामयाबियों से.
सोनी कम्पनी ने उनकी सीडी रिलीज़ की महफिले बग़दाद. इसी की एक परोडी है. नूरे इलाही. दूसरी है बेबसी अच्छी लगी और मसर्राते जाने तमन्ना और इसके बाद उनकी एक के बाद एक सीडी रिलीज़ हो रही है. फिर तो चल पड़ा सिलसिला. कलियर शरीफ पर दर्शन कुमार को कोजी की आवाज़ कुछ जादुई लगी. कैसेट रिलीज़ हुई मेरे सबीर करम हो करम. बदायूं के ही फनकार तस्लीम आरिफ भी इसमे साथ में हैं.तीसरी कैसेट भी टीसीरीज़ से जरी हुई खुआजा पिया की शान निराली. यह वीसीडी दुनिया के लगभग सभी मुस्लिम देशों में बिक रही. इसके साथ ही कोजी ने कुछ भजन भी गाये है और कोजी अब बॉलीवुड के कुछ टॉप सिंगेर्स के साथ गाने की तय्यारी में हैं. वह शास्त्रीय संगीत से लेकर पॉप म्यूजिक फिल्मी गीत पंजाबी ,इंग्लिश, भजन, क़व्वाली, परोडी और अन्करिंग सभी पर कमांड रखती हैं.